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Toggleसद्गुरु के विचार : Sadhguru Quotes in Hindi
सद्गुरु कौन है ?
सदगुरु एक प्रसिद्ध भारतीय योगी, आध्यात्मिक गुरु और दर्शनी हैं। सदगुरु जी का असली नाम जगदीश वासुदेव है, लेकिन उन्हें उनके शिष्यों द्वारा “सदगुरु” के नाम से पुकारा जाता है। वे 3 सितंबर, 1957 को तमिलनाडु, भारत में जन्मे थे। उन्होंने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित और प्रभावित किया है। उनके अनमोल विचारों ने लोगों को जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से सोचने के लिए प्रेरित किया है।
सदगुरु के हिंदी में कई प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक विचार हैं। सदगुरु के ये विचार हमें जीवन के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। वे हमें यह समझने में मदद करते हैं कि हम अपनी सीमाओं से परे जा सकते हैं और जीवन को पूरी तरह से जी सकते हैं।
यदि आप प्रेरणा और ज्ञान की तलाश में हैं, तो सदगुरु के हिंदी में विचार एक अच्छा स्रोत हैं। वे आपको अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं।
Sadhguru Quotes in Hindi
शिक्षा के बारे में हमारी जो अवधारणा है उसे आर्थिक इंजन में फिट होने वाले इंसान बनाने की सोच से आगे जाना होगा।
- सद्गुरु
भक्ति का मतलब है कि आपने अपनी बुद्धि को किनारे रख दिया है, ताकि एक विशाल प्रज्ञा आपके अन्दर काम कर सके।
- सद्गुरु
हठ योग शरीर को तोड़ने मरोड़ने के बारे में नहीं है। आप जैसे सोचते हैं, महसूस करते हैं, और जीवन को जानते हैं, यह उसको अपने काबू में लेने के बारे में है।
- सद्गुरु
अगर आप लगातार नई परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप विकास और महान संभावनाओं से भरा जीवन जी रहे हैं।
- सद्गुरु
अगर आपके बच्चे हैं, तो सबसे पहले आपको अपने अंदर चरित्र और ईमानदारी लानी होगी। आपकी कथनी और करनी में मेल होना चाहिए।
- सद्गुरु
जीवन में चीज़ों का जरूरत से ज्यादा होना अच्छा नहीं होता। जब चीजें जरूरत से ज्यादा होती हैं तो उससे विकार और उदासी पैदा होता है।
- सद्गुरु
आप चाहे जो भी कर रहे हों, वह चाहे कितना भी बड़ा या छोटा काम हो, उसे आप अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से कीजिए।
- सद्गुरु
यह जीवन आखिर है क्या - इस बात की समझ नहीं होने के कारण ही डर, गुस्सा, और घृणा पैदा होते हैं।
- सद्गुरु
वो हर काम जो हम करते हैं, वो हर विचार और भावना जो हम पैदा करते हैं, उससे हम अपने आस-पास एक बेहतर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं।
- सद्गुरु
प्रेम एक गुण है। प्रेम कोई ऐसी चीज नहीं है जो आप करते हैं। आप प्रेम बन जाते हैं।
- सद्गुरु
अगर आप बाध्य होकर प्रतिक्रिया करते हैं, तब बाहरी परिस्थितियां तय करती हैं कि आप अभी कैसे होंगे। अगर आप जागरूक होकर जवाब देते हैं, तो आपकी खुशहाली पूरी तरह से आपके हाथों में होती है।
- सद्गुरु
पूर्णता में जीने का मतलब है, जीवन को इसकी पूरी गहराई और आयाम में खोजना।
- सद्गुरु
इस दिन, गौतम बुद्ध पूर्ण आत्मज्ञानी हो गए थे। यह दिन हमें याद दिलाता है कि अगर आप भरपूर ध्यान देते हैं, तो आत्मज्ञान एक जीती जागती संभावना बन जाता है।
- सद्गुरु
जीवन, समय और ऊर्जा की एक सीमित मात्रा है। सबसे अधिक असर पैदा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- सद्गुरु
इंसान होने का सबसे महत्वपूर्ण आयाम यह है कि आपके पास एक सोच-विचार वाला मन है। आप किसी मुद्दे पर विचार करके जिस तरह से चाहें जवाब दे सकते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपकी आंतरिक प्रवृत्ति क्या कहती है।
- सद्गुरु
मातृत्व की सुंदरता प्रजनन में नहीं है, बल्कि समावेश में है – किसी दूसरे जीवन को स्वयं के अंश के रूप में अनुभव करने में है।
- सद्गुरु
अगर आप जीवन के साथ थोड़ा खेलपूर्ण हैं, तो हर पल एक उत्सव है।
- सद्गुरु
शरीर में सेक्स का होना ठीक है। जेब में पैसे का होना ठीक है। वे समस्या सिर्फ तभी बनते हैं जब वे आपके दिमाग में घुस जाते हैं।
- सद्गुरु
अगर आप सोचते हैं कि आप बड़े हैं, तो आप छोटे हो जाते हैं। अगर आप जान जाते हैं कि आप कुछ नहीं हैं, तो आप विशाल हो जाते हैं। इंसान होने की यही खूबसूरती है।
- सद्गुरु
अगर स्वाभाविक रूप से आनंदित हैं, तो आप अपना बेहतरीन करेंगे, और यही मायने रखता है।
- सद्गुरु
अपने ऊपर समस्या के हावी होने का इंतजार मत कीजिए। समस्या आने से पहले ही कदम उठाइए। पूर्व तैयारी ही सुरक्षा और सफलता का मार्ग है।
- सद्गुरु
आराम सारी गतिविधियों का आधार है। निश्चलता सारी गतिशीलता का आधार है।
- सद्गुरु
भक्ति वो सबसे मधुर भावना है जिसका आप अपने अन्दर पोषण कर सकते हैं।
- सद्गुरु
जब आप खुद को अपने कार्यकलापों में पूरी तरह से झोंक देते हैं, तब आपकी ऊर्जा बढ़ती और परिपक्व होती जाती है।
- सद्गुरु
अगर आपकी पसंदें और नापसंदें बहुत सख्त हैं, तो आप जीवन की कई संभावनाओं के लिए अपने दरवाजे बंद कर देते हैं।
- सद्गुरु
विविधता, प्राकृतिक अस्तित्व का आधार और शक्ति है। इसे एक जीवंत सामाजिक संरचना का भी मूल तत्व होना चाहिए।
- सद्गुरु
यह जरूरी नहीं कि लोग कड़ी मेहनत करके ही सफल हों। वे मौजूदा हालातों में बस सही काम करते हैं।
- सद्गुरु
आपकी ऊर्जा का आपकी जागरूकता से सीधा संबंध है। अगर आपकी ऊर्जाएं तीव्र हैं, तो आपकी जागरूकता स्वाभाविक रूप से बढ़ती है और पैनी होती है।
- सद्गुरु
जिन लोगों में जीवन उफन रहा है, उन्हें जीने के लिए कोई मकसद नहीं चाहिए। जीवन अपने आप में एक मकसद है।
- सद्गुरु
अगर भरोसे के बारे में आपकी सोच यह है कि दूसरों को आपकी उम्मीद के मुताबिक बर्ताव करना चाहिए, तो यह भरोसा नहीं, चालाकी है।
- सद्गुरु