Pranab Mukherjee Jayanti: भारत के पूर्व राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी की जयंती 11 दिसंबर को मनाई जाती है। वे एक दूरदर्शी नेता, कुशल प्रशासक और राजनीतिक दिग्गज थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति में अतुलनीय योगदान दिया।
एक विनम्र पृष्ठभूमि से उठकर महानता तक पहुंचना
1935 में पश्चिम बंगाल के बिरभूम जिले में एक साधारण परिवार में जन्मे प्रणब मुखर्जी ने अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर देश के सर्वोच्च पद तक का सफर तय किया। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
राजनीतिक जीवन का शानदार सफर
मुखर्जी ने 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया, जिनमें वित्त, रक्षा, विदेश और व्यापार मंत्रालय शामिल हैं। वे 2004 से 2012 तक भारत के वित्त मंत्री रहे और देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में अहम भूमिका निभाई।
2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हुए, मुखर्जी ने राष्ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाने और विश्व मंच पर भारत की आवाज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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एक दूरदर्शी नेता और कुशल प्रशासक
मुखर्जी अपनी राजनीतिक दूरदर्शिता, आर्थिक ज्ञान और प्रशासनिक कौशल के लिए विख्यात थे। उन्होंने देश में आर्थिक सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।
राष्ट्रीय एकता के प्रबल समर्थक
मुखर्जी सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने देश के विभिन्न समुदायों के बीच सद्भावना और आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया।
एक विद्वान और सौम्य नेता
मुखर्जी एक विद्वान और साहित्य प्रेमी थे। उन्हें संगीत और इतिहास में भी गहरी रुचि थी। वह अपने विनम्र स्वभाव, सौम्य व्यक्तित्व और सहज बुद्धि के लिए जाने जाते थे।
एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
प्रणब मुखर्जी का जीवन और कार्य युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने साबित किया कि कड़ी मेहनत, प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
हमें उनके दूरदर्शी नेतृत्व, कुशल प्रशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण को याद करना चाहिए।
प्रणब मुखर्जी को उनके योगदान के लिए भारतीय इतिहास के पन्नों में हमेशा याद रखा जाएगा।