Kader Khan Punyatithi: आज के ही दिन, 30 दिसंबर 2018 को, हमें महान अभिनेता, हास्य के बादशाह, कदर खान को खो दिया था. उनके चले जाने से न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि हर भारतीय के दिल में खालीपन रह गया था. उनके किरदार आज भी हमें हंसाते हैं, सोचने को मजबूर करते हैं और याद दिलाते हैं कि एक कलाकार अपने अभिनय से कितना प्रभाव छोड़ सकता है.
कदर खान का सफर काफी जद्दोजहद से भरा था. कॉलेज छोड़कर मुंबई आना, थिएटर में संघर्ष करना, छोटे-मोटे रोल मिलना और फिर धीरे-धीरे सफलता की सीढ़ियां चढ़ना. उन्होंने हर किरदार को जीवंतता दी, चाहे वो पठान हो, डॉक्टर हो, पिता हो या फिर मशहूर वकील. उनकी कॉमिक टाइमिंग बेजोड़ थी. वो बिना किसी अश्लीलता या हाव-भाव के बस अपने शब्दों और हाव-भाव से ही हंसा देते थे.
उनकी फिल्मों में सामाजिक सरोकार भी झलकते थे. वो ऐसे संदेश देते थे जो हमें हंसाने के साथ-साथ सोचने के लिए भी मजबूर करते थे. उनकी फिल्मों में से कुछ सदाबहार रचनाएं हैं – “सरफ़रोश,” “आंखें,” “कुली नंबर वन,” “हलचल,” “मिस्टर इंडिया” और भी बहुत सी.
कदर खान सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे. वो विनम्र, मिलनसार और अपने प्रशंसकों का ख्याल रखने वाले थे. उनके जाने से फिल्म इंडस्ट्री ने एक सच्चे कलाकार को खो दिया है, लेकिन उनकी फिल्में और यादें हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी.
इस ब्लॉग के साथ हम उनकी कुछ यादगार एचडी तस्वीरें भी साझा कर रहे हैं. आइए उनके जीवन और कला को याद करें, हंसें और प्रेरणा लें. हमें उनकी कमी हमेशा महसूस होगी, लेकिन उनकी विरासत हमें हमेशा हंसाते और सोचने के लिए प्रेरित करती रहेगी.