इस अध्ययन में एक रोबोट सर्जरी करके एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) इंप्लांट किया जाएगा। वह इसकी मदद से चिप मूव और इंटेंशन प्राप्त करेगा, फिर आगे की आज्ञा देगा। उदाहरण के लिए, पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति के ब्रेन में चिप लगने पर वह सिर्फ सोचकर माउस का कर्सर चला सकता है। आइए इसके बारे में अधिक जानें।

विश्व के सबसे अमीर लोगों में से एक, इलॉन मस्क, ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। Neuralink, जो इलॉन मस्क की ब्रेन चिप कंपनी है, ने आखिरकार मानव मस्तिष्क में चिप लगाने की पहली मंजूरी प्राप्त की है। यह जानकारी Reuters न्यूज एजेंसी के जरिए हमारे सामने आई है।
किन लोगों पर हो सकता है ट्रायल
पहले चरण में, चिप को चार लोगों के दिमाग में लगाया जाएगा। चिप को एक छोटे रोबोट का उपयोग करके लगाया जाएगा जो खोपड़ी में एक छोटा छेद करेगा।
इसके लिए, मस्क की कंपनी ने पहले एक व्यक्ति की तलाश करने का प्रारंभ किया है, जिसे एक भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से चयनित किया जाएगा। इस परीक्षण के दौरान, पैरालिसिस पेशेंट पर चिपसेट के परीक्षण की शुरुआत की जाएगी।
चिप में 1024 इलेक्ट्रोड होंगे जो मस्तिष्क के न्यूरॉन्स से सिग्नल रीड कर सकेंगे। यह चिप वायरलेस रूप से एक कंप्यूटर से जुड़ी होगी। कंप्यूटर इस डेटा का उपयोग मस्तिष्क की गतिविधियों को समझने और डिवाइसेज को नियंत्रित करने के लिए करेगा।
कैसे होगा ट्रायल
इसके लिए वे व्यक्तियों की खोज कर रहे हैं, जो ‘सर्वाइकल स्पाइनल कोर्ड‘ के कारण पैरालिसिस का शिकार हो गए हैं या ‘एमायोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS)’ जैसी बीमारी से प्रभावित हो गए हैं। अभी तक इस अध्ययन में कितने रोगीगणों पर परीक्षण किया जाएगा, यह तो हमें नहीं पता है। लेकिन इस अध्ययन को पूरा करने में करीब 6 साल का समय लगेगा।
फायदें और नुकसान
एलोन मस्क का मानना है कि यह चिप मनुष्यों को कंप्यूटरों के साथ अधिक सीधे तरीके से बातचीत करने की अनुमति देगी। उदाहरण के लिए, पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति इस चिप का उपयोग कंप्यूटर को नियंत्रित करने के लिए कर सकेंगे और इस तरह अपने दैनिक कार्यों को आसानी से कर सकेंगे।
डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति इस चिप का उपयोग अपने मस्तिष्क की गतिविधियों को समझने और अपने मूड को नियंत्रित करने के लिए कर सकेंगे।
हालांकि, इस तकनीक के कुछ संभावित नुकसान भी हैं। उदाहरण के लिए, इस चिप को हैक किया जा सकता है और इसका उपयोग लोगों को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, इस चिप का उपयोग लोगों के दिमाग में घुसपैठ करने के लिए किया जा सकता है और उनकी निजता को भंग किया जा सकता है।