Congress Foundation Day: 28 दिसंबर का दिन भारतीय राजनीति में एक खास इबारत लिखता है. 1885 में यही दिन था जब मुंबई में एक बरगद के पेड़ तले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नींव रखी गई थी. आज उस दिन को, भारत के सबसे पुराने राजनीतिक दल के 139वें जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
राष्ट्रीय कांग्रेस का सफर संघर्ष और उपलब्धियों का लंबा सिलसिला है. इस इतिहास में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जैसे महापुरुषों के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने से लेकर, जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री के रूप में आधुनिक भारत के निर्माण में भूमिका निभाने तक कई यादगार पल शामिल हैं.
लेकिन यह सफर इतना ही आसान नहीं रहा. आंतरिक कलह, विभाजन, आपातकाल जैसे मुश्किल समय ने भी पार्टी को हिलाया है. इसके अलावा, बीते कुछ दशकों में पार्टी का जनाधार कम होता दिखाई दिया है और नई राजनीतिक ताकतों के सामने चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
138वें जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए आत्मनिरीक्षण का समय है. इसे अपने इतिहास की सफलताओं और कमियों से सबक लेते हुए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने की रणनीति बनानी होगी. पार्टी को नई पीढ़ी से जुड़ने, विचारधारा को नए सिरे से परिभाषित करने और जमीनी स्तर पर मजबूत होने की जरूरत है.
आज जब देश सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलावों के दौर से गुजर रहा है, तब एक मजबूत और जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. राष्ट्रीय कांग्रेस के पास देश की दिशा को प्रभावित करने का एक बड़ा अवसर है, बस उसे सही राह की तलाश करनी होगी.
इसलिए, आइए इस जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय कांग्रेस के शानदार इतिहास का सम्मान करते हुए, उसके भविष्य के लिए उम्मीद जगाएं. उम्मीद करें कि आने वाले सालों में पार्टी एक बार फिर अपने गौरवशाली इतिहास को दोहराए और राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.
आप राष्ट्रीय कांग्रेस के भविष्य को लेकर क्या सोचते हैं? कमेंट में जरूर बताएं!