भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी: सुशासन दिवस पर एक श्रद्धांजलि- हर साल 25 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री Atal Bihari Vajpayee Jayanti को गौरव के साथ मनाया जाता है। यह दिन न केवल उनके जन्म का जश्न मनाता है, बल्कि उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदानों को भी याद दिलाता है। वाजपेयी को व्यापक रूप से भारत के इतिहास के सबसे महान नेताओं में से एक माना जाता है, और उनकी जयंती को पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राजनीतिक यात्रा:
- अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 1924 में ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे एक कवि, पत्रकार और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1957 से 1989 तक 10 लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की।
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-संस्थापक के रूप में, वाजपेयी ने 1996, 1998 और 1999 में तीन बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। 1999 में, वह गैर-कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने वाले पहले प्रधान मंत्री बने।
प्रेरक व्यक्तित्व और उपलब्धियां:
- वाजपेयी के शासनकाल के दौरान भारत के आर्थिक विकास में उल्लेखनीय प्रगति देखी गयी । उन्होंने “गोल्डन क्वाड्रिलैटरल” और “पूर्वोत्तर विकास के लिए लुक पूर्व योजना” जैसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की।
- विदेश नीति में, वाजपेयी ने “पड़ोसी पहले” की नीति अपनाई और पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयास किए। उन्होंने 1999 में लाहौर की ऐतिहासिक बस यात्रा की, जिसने दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया को शुरू करने में मदद की।
- संस्कृति और कला के क्षेत्र में वाजपेयी ने भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 2001 में कुंभ मेले को वैश्विक घटना घोषित किया और 2003 में भारतीय संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय उत्सव की शुरुआत की।
- वाजपेयी को उनके विनम्र स्वभाव, कवितात्मक वाक्पटुता और सभी के साथ जुड़ने की क्षमता के लिए जाना जाता था। वह एक लोकप्रिय नेता थे जिन्होंने पार्टी लाइनों से ऊपर सम्मान अर्जित किया।
- उनके ओजस्वी भाषण आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। उनके कुछ प्रसिद्ध उद्धरणों में शामिल हैं, “मनुष्य को चाहिए कि वह परिस्थितियों से लड़े, एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़े” और “हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन हमारा देश तो एक है।”
सुशासन का आदर्श:
- वाजपेयी को सुशासन के प्रबल पक्षधर के रूप में जाना जाता था। उन्होंने पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकल्याण पर जोर दिया। उनके प्रशासन को न्यूनतम भ्रष्टाचार और कुशल शासन की विशेषता थी।
- सुशासन दिवस उनकी विरासत को जीवित रखने और भारत में अच्छे शासन के सिद्धांतों को बढ़ावा देने का एक अवसर है।
अटल बिहारी वाजपेयी एक दूरदर्शी नेता, कुशल प्रशासक और प्रेरक व्यक्तित्व थे। उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाना उनकी विरासत को श्रद्धांजलि देता है और हमें एक बेहतर भारत बनाने के लिए प्रेरित करता है।
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