परिचय और महत्व
हरियाली तीज हिन्दू कैलेंडर में सावन मास के कृष्ण पक्ष की तीसरी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियाँ भगवान शिव और पार्वती के दिव्य प्रेम की कथा सुनती हैं और उनकी पूजा करती हैं। इसे “हरियाली तीज” के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन प्राकृतिक हरियाली में लिपटी धरती का आनंद लिया जाता है।
कैसे करें:
- अपने व्रत की तैयारी करें और विशेष रूप से भगवान शिव और पार्वती की पूजा के लिए सामग्री एकत्र करें।
- सुबह सवेरे उठकर स्नान करें और व्रती वस्त्र पहनें।
- भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें और उनके चरणों में अर्पण करें।
- व्रत कथा सुनें और प्रसाद बांटें।
व्रत की विशेषताएँ
हरियाली तीज व्रत एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जिसमें व्रती स्त्रियाँ एकदिवसीय अन्न खाती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। यह उनके प्रेम की अनूठी कथा का स्मरण दिलाता है और उनके परम प्रेम की प्रतीक्षा करने का संकेत होता है।
कैसे करें:
- व्रती वस्त्र पहनें और सुबह सवेरे उठकर नित्यनेम करें।
- सावन में अच्छी खासी हरियाली दिखाने वाली सब्जियाँ खाएं, जैसे कि तोरी, टिंडा आदि।
- व्रती खिलौने के साथ खेलें और विशेष रूप से युवतियों के बीच में खुशियाँ बांटें।
सन्ध्या कथा का महत्व
सन्ध्या कथा में भगवान शिव और पार्वती के प्रेम की गाथा है। इस कथा के अनुसार, पार्वती ने भगवान शिव की तपस्या का पालन करते हुए उन्हें प्राप्त किया था। इसी दिन को व्रती स्त्रियाँ इस कथा का सुनती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
कैसे करें:
- सन्ध्या काल में भगवान शिव-पार्वती की कथा सुनें।
- उनके प्रेम की महत्वपूर्ण घटनाओं को समझें और उनके प्रेम के प्रतीक्षा भाव को अपने जीवन में अपनाएं।
परंपराएँ और रीति-रिवाज़
हरियाली तीज एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है जिसमें स्त्रियाँ व्रत करती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन उन्हें विशेष रूप से सजन-सवरन का मौका मिलता है और वे हरे-भरे वातावरण में मिलने का आनंद उठाती हैं।
कैसे करें:
- परंपरागत रूप से अपने घर को हरियाली से सजाएं और खास खाने की व्यवस्था करें।
- युवतियाँ एक-दूसरे के साथ खुशियों के पल साझा करें और मिलकर खेलें।
गीतों में रंग और प्रेम का उत्सव
हरियाली तीज का उत्सव सावन मास के कृष्ण पक्ष की तीसरी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन स्त्रियाँ गीतों में उत्साहित होकर हरियाली के रंगों में खो जाती हैं। गीतों के बोल और सुर इस मौके को और भी खास बनाते हैं। इन गीतों के माध्यम से भगवान शिव और पार्वती के प्रेम की गाथा बताई जाती है, जो हमें प्रेम और विश्वास की महत्वपूर्णता सिखाते हैं। इस खास उत्सव में गीत गाकर हम सभी एक-दूसरे के साथ खुशियों का आनंद उठाते हैं।
रंगीन परिधान: हरियाली तीज के विशेष पहनावे
इस दिन स्त्रियाँ विशेष रूप से हरे-भरे रंगों के परिधान पहनती हैं। लहराते बाल, फूलों से सजीव जुड़े हुए बाले, और मनमोहक आभूषण इस दिन का विशेषता होते हैं।
कैसे करें:
- हरे-भरे रंगों की सजीव बाज़ूबंद और बाले पहनें।
- फूलों से सजीव जुड़े हुए बाले बनाने का अभ्यास करें और अच्छी तरह से बाँधें।
- मनमोहक आभूषण, जैसे कि माणी, बाजुबंद, चूड़ियाँ आदि पहनें और आत्मा की सौंदर्य को बढ़ावा दें।
इस प्रकार, हरियाली तीज का त्योहार व्रत, पूजा, और परंपराओं के साथ मनाया जाता है जो भगवान शिव-पार्वती के प्रेम की कथा और उनके आदर्शों का पालन करने का संकेत देता है। इस दिन को हरी-भरी प्राकृतिकता में खो जाने का आनंद उठाएं और उनके प्रेम की महत्वपूर्णता को समझें।
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हरियाली तीज कब मनाई जाती है?
हरियाली तीज हिन्दू कैलेंडर के सावन मास के कृष्ण पक्ष की तीसरी तिथि को मनाई जाती है, जो जुलाई या अगस्त महीने में पड़ती है।
हरियाली तीज का महत्व क्या है?
हरियाली तीज भगवान शिव और पार्वती के प्रेम की अनूठी कथा का स्मरण दिलाता है और स्त्रियों को उनके प्रेम के परम प्रेम की प्रतीक्षा करने का संकेत देता है।
हरियाली तीज व्रत में क्या खाने-पीने की सीमा होती है?
हरियाली तीज व्रत में व्रती स्त्रियों को एकदिवसीय अन्न खाने की सीमा होती है। सावन में हरियाली दिखाने वाली सब्जियाँ खाने का परंपरागत रिवाज़ होता है।
हरियाली तीज की कथा क्या है?
हरियाली तीज कथा में भगवान शिव और पार्वती के प्रेम की गाथा होती है, जिसमें पार्वती ने भगवान शिव की तपस्या का पालन करते हुए उन्हें प्राप्त किया था।
हरियाली तीज के परंपरागत उपहार क्या होते हैं?
हरियाली तीज के दिन स्त्रियाँ अपने पतियों से विशेष रूप से सजीव बाले, फूलों से बने बाले और आभूषण प्राप्त करती हैं, जिन्हें “सिंदूरी” कहते हैं।
हरियाली तीज के त्योहार में क्या रंग-बिरंगे परिधान पहनते हैं?
हरियाली तीज के दिन स्त्रियाँ विशेष रूप से हरे-भरे रंगों के परिधान पहनती हैं, जिसमें वे फूलों से सजीव बाले, फूलों से बने बाले और मनमोहक आभूषण पहनती हैं।
हरियाली तीज के त्योहार में कौन-कौन से रस्म होते हैं?
हरियाली तीज के दिन स्त्रियाँ व्रत करती हैं, भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, कथा सुनती हैं, और अपने पतियों से सजीव बाले, फूलों से बने बाले, और आभूषण प्राप्त करती हैं।