भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 1 जनवरी, 2024 को नए साल के पहले दिन अपने नए अंतरिक्ष मिशन XpoSAT को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह मिशन भारत का पहला समर्पित एक्स-रे पोलारिमेट्री मिशन है।
XpoSAT का पूरा नाम एक्स-रे पोलारिमेट्री सैटेलाइट है। यह सैटेलाइट एक्स-रे स्त्रोतों का पता लगाने और ब्लैक होल की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। यह मिशन करीब पांच वर्ष का होगा।
XpoSAT में खास बातें
- यह भारत का पहला समर्पित एक्स-रे पोलारिमेट्री मिशन है।
- यह एक्स-रे स्त्रोतों का पता लगाने और ब्लैक होल की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा।
- यह मिशन करीब पांच वर्ष का होगा।
XpoSAT के लाभ
XpoSAT के लॉन्च से भारत अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने में सफल रहा है। यह मिशन एक्स-रे स्त्रोतों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और ब्लैक होल की रहस्यमयी दुनिया को समझने में मदद करेगा।
XpoSAT के संभावित प्रभाव
XpoSAT के लॉन्च के संभावित प्रभाव निम्नलिखित हैं:
- यह एक्स-रे स्त्रोतों की एक विस्तृत श्रृंखला का पता लगाने में मदद करेगा।
- यह ब्लैक होल के द्रव्यमान, आकार और चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
- यह ब्रह्मांड के विकास और उत्पत्ति के बारे में हमारी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेगा।