हमेशा से इस देश की यह अनोखी विशेषता रही है कि हम सत्य और मुक्ति की खोज करने वाले रहे हैं। मुक्ति ही सर्वोच्च लक्ष्य है।
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भारत में आजादी के छिहत्तर साल हो गए हैं - हम अपने लिए जैसा देश, जैसा जीवन, और जैसा भविष्य चाहते हैं, उसे बनाने का दायित्व हम पर ही है।
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हर नागरिक को इस देश के भविष्य को संवारने में हिस्सा लेना चाहिए। मेरी कामना है कि आप यह जानें कि किसी सुंदर चीज को बनाने का मतलब क्या होता है।
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भारत का भविष्य इस पीढ़ी के हाथों में है। आइए एक ऐसा राष्ट्र बनाने का प्रयत्न करें, जहाँ कानून का पालन हो और सभी जीवों को समान रूप से अहमियत और सम्मान मिले।
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भारत की मूल शक्ति यह है कि यह साधकों व खोजियों की भूमि है - सत्य और मुक्ति की खोज करने वालों की भूमि है। यही आध्यात्मिक धागा हमें एक देश के रूप में बांधे रखता है।
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हम दूर की सोचें और यह देखें कि हम कैसे ऐसे देश बनाएं, जिन पर हम सभी को गर्व हो, ऐसे देश जो जीवन की पूर्ण अभिव्यक्ति पाने में हर इंसान की सहायता कर पाएं।
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ये हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान, वीरता और प्रतिबद्धता है, जिसने आज हमें देश की स्वतंत्रता के 76 साल का महोत्सव मनाने का मौका दिया है। स्वतंत्रता दी नहीं जाती - इसे कमाया जाता है या यह खो जाती है। आइए एक स्वतंत्र दुनिया की ओर बढ़ें।