आजकल की पीढ़ी के स्कूली बच्चे भी शराब और ड्रग्सका इस्तेमाल करने लगे हैं। इन चीज़ों से उन्हें कैसे बचाया जा सकता है? जानते हैं सद्गुरु से।
समाज में नशे की जरूरत बढ़ने की कई वजहें हैं। एक मूलभूत चीज यह है कि लोग अब अपने जीवन जीने के लिए संघर्ष नहीं कर रहे,
यह बहुत, बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने बढ़ते बच्चों को खेलों की ओर और दूसरे कार्यकलापों(गतिविधियों) के लिए प्रेरित करें,
आप उन्हें ट्रेकिंग, पहाड़ की चढ़ाई और तैराकी जैसी गतिविधियों के लिए प्रेरित कर सकते हैं जो उन्हें प्रकृति के साथ जोडती है.
कला, संगीत, किसी न किसी चीज को लेकर उनमें दीवानगी पैदा करनी होगी। उन्हें अपनी बुद्धि, अपनी भावना, अपनी चेतनता के सुखों को जानना सीखना होगा।
जब व्यक्ति मन के सुखों, अपनी बुद्धि की तीक्षणता के सुखों, भावनाओं के सुखों, अपनी चेतनता के सुखों का आनंद लेने लगता है, तो शरीर के सुखों में डूबना स्वाभाविक रूप से बहुत ही कम हो जाता है।
शरीर में ही नशा तैयार करना सीखना होगा ऐसा नशा जो आपको एक साथ नशे में धुत और बहुत जागरूक बनाता है। हमें अपने बच्चों और युवाओं को इस नशे के बारे में बताना चाहिए।
अगर आप अपने अंदर कुछ खास अवस्थाओं में चले जाएं, तो आपको ऐसे नशे का पता चलेगा, जैसा कभी किसी ड्रग या शराब से नहीं हो सकता।