Khudiram Bose Jayanti: खुदीराम बोस भारत के एक महान क्रांतिकारी थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में अपना जीवन बलिदान कर दिया। उनका जन्म 3 दिसंबर 1889 को बंगाल प्रांत के मिदनापुर जिले के मेदिनीपुर गांव में हुआ था। उनके पिता, महादेव बोस, एक साधारण किसान थे और उनकी माता, लक्ष्मीमणि देवी, एक गृहिणी थीं।
खुदीराम बोस बचपन से ही देशभक्ति से ओतप्रोत थे। उन्होंने अल्पायु में ही क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। वह बंगाल के अनुशीलन समिति के सक्रिय सदस्य थे।
1908 में, खुदीराम बोस को अंग्रेज अधिकारी डगलस किंग्सफोर्ड की हत्या का आरोप लगाया गया था। किंग्सफोर्ड ने बंगाल के विभाजन के दौरान क्रांतिकारियों पर अत्याचार किए थे। खुदीराम बोस को उनके साथी प्रफुल्ल चाकी के साथ इस हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।
खुदीराम बोस पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। वह 13 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई। उनकी मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई।
खुदीराम बोस भारत के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनका बलिदान देश की आजादी के लिए हमेशा याद किया जाएगा।