क्या आपको कभी लगा है कि किसी शब्द के अक्षरों के बीच के अंतर में जो जरूरी सुंदरता चाहिए वो नही होती है? किसी लेख के वाक्यों की सुंदरता का बहुत महत्व है, ताकि पाठ और डिज़ाइन सुंदर दिखे। लेकिन शब्दों के मध्य अंतर का भी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसे “Kerning” कहा जाता है। इस लेख में, हम “Kerning क्या है” पर चर्चा करेंगे और इसका महत्व समझेंगे।
KERNING क्या है?
Kerning का मतलब है अक्षरों के बीच की जगह को समायोजित करना, ताकि वे सुंदर और सही दिखें। यह डिज़ाइनर्स के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह टेक्स्ट को पढ़ने और समझने में मदद करता है।
कर्निंग एक TYPOGRAPHY शैली है जिसमें अक्षरों के बीच की दूरी को इस तरह समायोजित किया जाता है कि वे सुंदर और सही दिखें।इसका मुख्य उद्देश्य टेक्स्ट को पढ़ने में सुविधा प्रदान करना है और अक्षरों के साथ साथ शब्दों को और भी अद्भुत बनाना है।
KERNING का महत्व
कर्निंग का महत्व अपने आप में है, क्योंकि यह टेक्स्ट को अधिक पठनीय और देखनेवालों के लिए सुंदर बनाता है। यह विशेष रूप से लोगों के लेखन को प्रोफेशनल और आकर्षक बनाने में मदद करता है।
KERNING कैसे काम करता है?
Kerning का काम विशेष रूप से तब होता है जब दो विशेष अक्षरों के बीच की दूरी को समायोजित किया जाता है। यदि हम उदाहरण के रूप में “A V” देखें, तो यह अक्षरों के बीच की दूरी को समायोजित करने की आवश्यकता होती है, ताकि वे सही तरीके से मेल खाएं जैसे- AV
KERNING के प्रकार
करनिंग कई प्रकार का होता है, जो टंकण स्वरूपों में होते हैं:
सामान्य करनिंग: यह सबसे सामान्य प्रकार का करनिंग होता है और फ़ॉन्ट के डिज़ाइन के आधार पर व्यक्ति अक्षरों के बीच स्वचालित रूप से स्थिति बदलता है।
ट्रैकिंग: यह करनिंग का एक विशेष प्रकार है जिसमें पूरे पाठ के अक्षरों की स्थिति को एक साथ बदला जाता है, इससे पूरे पाठ का अंतरिक्ष बदलता है।
पेयर करनिंग: इस प्रकार का करनिंग मुख्य रूप से दो विशेष अक्षरों के बीच की स्थिति को समायोजित करने के लिए होता है। यह विशेषत: “AV,” “To,” “Ta” जैसे अक्षरों के बीच की दूरी को समायोजित करने में मदद करता है।
गुट करनिंग: इस प्रकार की करनिंग में, कई अक्षरों को एक साथ एक समूह बनाने के लिए एक साथ स्थिति बदलती है। इससे शब्दों के गुटों का सबसे अच्छा तरीके से एक साथ दिखाने में मदद मिलती है।
KERNING का उपयोग
करनिंग का मुख्य उपयोग निम्नलिखित होता है:
अक्षरों की सही स्थानीयकरण: करनिंग अक्षरों के बीच की दूरी को समायोजित करके सुनिश्चित करता है कि वे सही स्थान पर बैठे हैं, ताकि पढ़ने वाले इसे सही तरीके से पढ़ सके।
अक्षरों के आपसी संबंध: करनिंग विशेषत: “AV,” “To,” “Ta” जैसे अक्षरों के बीच की दूरी को समायोजित करने में मदद करता है, जिससे अक्षरों के आपसी संबंधों को सुधारा जा सकता है।
पाठ के अंतरिक्ष का सुनिश्चित करना: करनिंग से पूरे LESSON के अंतरिक्ष को सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे LESSON पढ़ने में आसानी होती है।
शब्दों और अक्षरों के बीच का SPACE: करनिंग वाचकों को विशेष ध्यान देने के लिए शब्दों और अक्षरों के बीच का सही SPACE प्रदान करता है और पठनीयता में सुधार करता है।
निष्कर्ष
कर्निंग टाइपोग्राफी का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह हमारे लेखन और डिज़ाइन को सुंदर और पढ़ने योग्य बनाने में मदद करता है। इसका सही उपयोग करने से हम अपने संदेश को और भी अधिक प्रभावी बना सकते हैं।
FAQs
1. करनिंग क्या है?
करनिंग एक टाइपोग्राफी तकनीक है जिसमें टेक्स्ट के अक्षरों के बीच की जगह और दूरी को संशोधित करके पाठ को बेहतर दिखाने का काम किया जाता है।
2. करनिंग क्यों महत्वपूर्ण है?
करनिंग टेक्स्ट को पठनीय और प्रभावी बनाने में मदद करता है, और पाठ की सुविधा और सुंदरता में सुधार करता है।
3. करनिंग और लेटरस्पेस के बीच में क्या अंतर है?
करनिंग TEXT के अक्षरों के बीच की जगह को संशोधित करता है, जबकि लेटरस्पेस अक्षरों के बीच की दूरी को संशोधित करता है।
4. करनिंग का उपयोग कहां होता है?
करनिंग का उपयोग विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन परियोजनाओं, पुस्तकों, पोस्टरों, लोगों, और वेबसाइटों में किया जाता है, जहाँ पाठ को अधिक पठनीय और आकर्षक बनाने की आवश्यकता होती है।
5. करनिंग को कैसे समझा जा सकता है?
करनिंग को समझने के लिए टेक्स्ट के अक्षरों के बीच की जगह की समीक्षा की जाती है, और जरूरत के हिसाब से संशोधन किया जाता है।