इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9:35 बजे शुरू होकर 1 नवंबर को रात 9:21 बजे समाप्त होगी।
Karwa Chauth 2023 में कब है? जानिए इस दिन का महत्व और उसका इतिहास
Karwa Chauth 2023: हिन्दू धर्म में करवा चौथ एक महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार है, जिसका मतलब है कि यह विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपवास करती हैं। करवा चौथ का व्रत वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह पति-पत्नी के रिश्तों को मजबूत करने और एक-दूसरे के महत्व को समझने का मौका भी प्रदान करता है।
पत्नी पति की लंबी आयु की कामना के साथ ‘सोलह श्रृंगार’ करती हैं और चंद्रदेव और करवे की पूजा करती हैं। अब यह सवाल उठता है कि करवा चौथ कब मनाते हैं। तो, जैसा कि नाम से पता चलता है, यह दिन चौथ के दिन मनाया जाता है। करवा चौथ हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth 2023 Date, Shubh Muhurt and Chandrodya Timing)
इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9:35 बजे शुरू होकर 1 नवंबर को रात 9:21 बजे समाप्त होगी। इसके अनुसार, करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। करवा चौथ की पूजा 1 नवंबर को शाम 5:35 बजे शुरू होकर शाम 7:02 बजे खत्म होगी। इस दिन चंद्रोदय 8:26 शाम होगा।
करवा चौथ: इस दिन का महत्व और उसका इतिहास
करवा चौथ व्रत का महत्व है क्योंकि मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने अपने पति भगवान शिव को पति के रूप में पाया था। यह व्रत महिलाओं द्वारा उनके पति की दीर्घायु और सुखद सुहाग की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
करवा चौथ का भोग कैसे तैयार करें?
करवा चौथ के दिन पारण के लिए हम अक्सर हलवा, पूरी, और चूरमा बनाते हैं। किसी कही जाने वाले जगह पर, आलू की सब्जी और पूरी तैयार की जाती है, जबकि कहीं अन्य स्थानों पर दाल के फरे और कढ़ी बनती है। करवा चौथ पर, हलवा, पूरी, खीर, सब्जी, और मिठाई तैयार की जा सकती है।
इस व्रत के दिन, यदि आप भोग बनाती हैं, तो याद रखें कि इसमें लहसुन और प्याज का उपयोग न करें। भोग में घी और गुड़ का उपयोग कर सकते हैं। सबसे पहले, भगवान गणेश को भोग की थाली में रखना न भूलें, जिसमें हलवा और पूरी शामिल होने चाहिए।
करवा चौथ का व्रत पहली बार करने वाले जान ले ये जरूरी बातें
- सुहागिन महिलाओं को मंगल सूत्र, नोज पिन, बिंदी, चूड़ियां, झुमके आदि पहनना आवश्यक होता है। ये सभी चीजें महिलाओं के लिए सौभाग्य, समृद्धि, और सुखी वैवाहिक जीवन का प्रतीक होती हैं।
- हाथों में मेहंदी भी लगानी चाहिए।
- करवा चौथ के त्योहार में सरगी बहुत महत्वपूर्ण होता है। सुहागिन महिलाओं को उनकी सास द्वारा सरगी की थाली दी जाती है।
- अगर आप करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो सरगी भूलकर भी न छोड़ें। सरगी की थाली में मौजूद खाद्य पदार्थों को जरूर खाएं। इसमें फल, नारियल, सूखे मेवे, मिठाई, जूस आदि कई तरह की चीजें शामिल होती हैं।
- व्रत खोलते समय तले-भूने खाद्य पदार्थों को खाने से बचें, क्योंकि इससे गैस, दस्त या सूजन की समस्या हो सकती है। आप उपवास तोड़ने के समय नारियल पानी, सूखे मेवे आदि चीजें खाने में शामिल कर सकते हैं.
- करवा चौथ के दिन लाल रंग को पहनना शुभ माना जाता है.
- मान्यता है कि सुहागिन महिलाओं को करवा चौथ के त्योहार में व्रत खोलने से पहले शाम को कथा सुननी चाहिए। इस विधि का पालन किए बिना निर्जला व्रत अधूरा माना जाता है.
- करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं और परिवार के अन्य सदस्यों को मांसाहारी खाने से बचना चाहिए।
डिसक्लेमर: यह लेख आपको सूचित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है और इसमें दी गई किसी भी जानकारी, सामग्री, या गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमने इसे विभिन्न स्रोतों से संकलित किया है, जैसे कि ज्योतिष, पंचांग, प्रवचन, और धर्मग्रंथों से। इसका मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रदान करना है, और आपका व्यक्तिगत विचार और निर्णय आप पर ही निर्भर करेगा।
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