स्वतंत्रता दिवस पर कोट्स हमारे प्रेरणास्त्रोत स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले वीर शहीदों की बलिदानी जीवन की महिमा को स्मरण करवाते हैं।
15 अगस्त, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमें आज़ादी की याद दिलाता है। इस दिन को गर्व और उत्साह के साथ मनाने के लिए हम यहां कुछ अद्भुत उद्धरण प्रस्तुत कर रहे हैं।15 अगस्त के उद्धरणों का महत्व उस समय की याद दिलाने में है जब हमारे प्रेरणास्त्रोत स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले वीर शहीदों की बलिदानी जीवन की महिमा को स्मरण करवाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर कोट्स वेब स्टोरी
स्वतंत्रता दिवस पर कोट्स(Independence Day Quotes)
हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो, हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो, फिर भी हमें आगे बढ़ना ही है। सफलता का दिन दूर हो सकता है, पर उसका आना अनिवार्य है
–नेताजी सुभाष चंद्र बोस
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता है
– चंद्रशेखर आजाद
सफल होने के लिए आपको अकेले चलना होगा। लोग तो तब आपके साथ आते हैं जब आप सफल हो जाते हैं
– नेताजी सुभाष चंद्र बोस
पंथ, सम्प्रदाय, मजहब अनेक हो सकते हैं, किन्तु धर्म तो एक ही होता है. यदि पंथ, सम्प्रदाय उस एक ईश्वर की उपासना के लिए प्रेरणा देते हैं तो ठीक अन्यथा शक्ति का बाना पहनकर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना न धर्म है और न ही ईश्वर भक्ति
– राम प्रसाद बिस्मिल
एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार व्यक्तियों के जीवन में खुद को अवतार ले लेता है
– नेताजी सुभाष चंद्र बोस
मैं खुशी से फांसी पर चढ़ूंगा और दुनिया को दिखाऊंगा कि कैसे क्रांतिकारी देशभक्ति के लिए खुद को बलिदान दे सकते हैं
– भगत सिंह
मुझे यह नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में हम में से कौन कौन जीवित बचेंगे। परन्तु मैं यह जानता हूँ कि अंत में विजय हमारी ही होगी
– नेताजी सुभाष चंद्र बोस
केवल पूर्ण राष्ट्रवाद, पूर्ण न्याय और निष्पक्षता के आधार पर ही भारतीय सेना का निर्माण किया जा सकता है
– नेताजी सुभाष चंद्र बोस
यदि देशहित मुझे सहस्रों बार भी मरना पड़े तो भी मैं इस कष्ट को निज ध्यान में कभी नहीं लाऊं, हे ईश्वर भारतवर्ष में शत बार मेरा जन्म हो, कारण सदा ही मृत्यु का देशोपकारक कर्म हो
– राम प्रसाद बिस्मिल
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का,
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना।
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा,
हम बुलबुलें हैं इसकी वह गुलिस्तां हमारा।
ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए
– नेताजी सुभाष चंद्र बोस
अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है. ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए
– चंद्रशेखर आजाद
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आज़ादी का अमृत महोत्सव
आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष पूरे होने और यहां के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को याद करने और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की ओर से की जाने वाली एक पहल है।
यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को संभव बनाने की शक्ति और क्षमता भी है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान को प्रगति की ओर ले जाने वाली सभी चीजों का एक मूर्त रूप है। आज़ादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा की शुरुआत 12 मार्च 2021 को हो गई जिसकी 75 सप्ताह की उल्टी गिनती हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए शुरू हो गई है तथा यह एक वर्ष के बाद 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी।
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