कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के ओडिशा राज्य में स्थित एक 13वीं शताब्दी का हिंदू मंदिर है। यह मंदिर 1250 ईस्वी में राजा नरसिंहदेव प्रथम द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
कोणार्क सूर्य मंदिर अपनी वास्तुकला और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का डिज़ाइन एक रथ के आकार में बनाया गया है, जिसमें 12 चक्र (पहिए) और 7 घोड़े हैं। मंदिर के बाहरी हिस्से में देवताओं, देवियों और पशुओं की मूर्तियां बनी हैं। मंदिर के गर्भगृह में सूर्य देवता की एक विशाल मूर्ति है।
कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर की वास्तुकला में ओडिशा और खजुराहो की शैली का मिश्रण देखा जाता है। मंदिर के मुख्य द्वार पर एक विशाल नंदी बैल की मूर्ति है। मंदिर के गर्भगृह के सामने एक नृत्य मंडप है, जिस पर नर्तकियों और संगीतकारों की मूर्तियां बनी हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर को 13वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया था। मंदिर का केवल मुख्य द्वार और नृत्य मंडप ही शेष रह गए हैं। हालांकि, मंदिर की वास्तुकला और शिल्पकला आज भी हमें अपनी ओर आकर्षित करती है।
कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। कोणार्क सूर्य मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
कोणार्क सूर्य मंदिर कैसे जाएं?
कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी जिले में स्थित है। पुरी से कोणार्क की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। आप पुरी से कोणार्क के लिए बस, टैक्सी या ऑटो रिक्शा ले सकते हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय
कोणार्क सूर्य मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है। अप्रैल से जून तक गर्मी बहुत पड़ती है और जुलाई से सितंबर तक बारिश होती है।
कोणार्क सूर्य मंदिर में क्या देखें?
कोणार्क सूर्य मंदिर में आप निम्नलिखित चीजें देख सकते हैं:
- मुख्य द्वार: मंदिर के मुख्य द्वार पर एक विशाल नंदी बैल की मूर्ति है।
- नृत्य मंडप: नृत्य मंडप पर नर्तकियों और संगीतकारों की मूर्तियां बनी हैं।
- गर्भगृह: गर्भगृह में सूर्य देवता की एक विशाल मूर्ति है।
- सूर्य मंदिर का रथ: मंदिर को एक रथ के आकार में बनाया गया है, जिसमें 12 चक्र (पहिए) और 7 घोड़े हैं।
- मंदिर की बाहरी दीवारें: मंदिर की बाहरी दीवारों पर देवताओं, देवियों और पशुओं की मूर्तियां बनी हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर में घूमते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते और मोजे उतार दें।
- मंदिर में शोर न करें और पवित्रता बनाए रखें।
- मंदिर में देवताओं की मूर्तियों की तस्वीरें न लें।