भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 1 जनवरी, 2024 को सुबह 9:10 बजे श्रीहरिकोटा से PSLV-C54 रॉकेट लॉन्च किया। इस रॉकेट के साथ XPoSat नामक एक सैटेलाइट भी भेजा गया था। यह सैटेलाइट रेडिएशन की स्टडी करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
XPoSat एक एक्स-रे पोलारिमीटर है। यह अंतरिक्ष में मौजूद विभिन्न प्रकार के एक्स-रे का अध्ययन करेगा। इनमें सौर एक्स-रे, कॉस्मिक एक्स-रे और गैलेक्टिक एक्स-रे शामिल हैं। सैटेलाइट की मदद से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में मौजूद रेडिएशन के स्रोतों और उनके प्रभावों के बारे में बेहतर समझ प्राप्त होगी।
मुख्य बिंदु:
- इसरो ने नए साल के पहले ही दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
- उन्होंने रेडिएशन की स्टडी करने वाला सैटेलाइट PSLV-C54 सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
- यह भारत का दूसरा और दुनिया का तीसरा ऐसा सैटेलाइट है जो रेडिएशन की स्टडी करेगा।
- सैटेलाइट की मदद से अंतरिक्ष में मौजूद विभिन्न प्रकार के रेडिएशन का अध्ययन किया जाएगा।
XPoSat भारत का दूसरा और दुनिया का तीसरा ऐसा सैटेलाइट है जो रेडिएशन की स्टडी करेगा। इससे पहले, नासा ने 2015 में NuSTAR और 2020 में eROSITA नामक दो सैटेलाइट लॉन्च किए थे।
XPoSat की सफल लॉन्चिंग से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।
XPoSat एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण है जो अंतरिक्ष में मौजूद रेडिएशन के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने में मदद करेगा। इसरो की इस सफल लॉन्चिंग से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई मिली है।